Rules / नियमावली

" बिहार ड्राइवर महासंघ "

नियमावली

1 परिभाषा

क- संघ से अभिप्राय है ->  ” बिहार ड्राइवर महासंघ “

ख- समिति से अभिप्राय है  -> संघ की कार्यकारिणी समिति ।

ग- पदाधिकारी से अभिप्राय है -> अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष ।

घ – वर्ष से अभिप्राय है  ->  01-अप्रील से 31 मार्च तक ।

ड- एक्ट से अभिप्राय है -> ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1926

2 सदस्यता

कोई भी महिला एवं पुरूष ड्राईवर एवं अन्य जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक के होंगे तथा जो संघ के उद्देश्य एवं नियमों का पालन करेंगे, संघ का सदस्य बन सकते है । सदस्य बनने के लिए आवेदन पत्र देना होगा, जिसकी स्वीकृति या अस्वीकृति कार्यकारिणी समिति द्वारा प्रदान की जाएगी । संघ के प्रत्येक सदस्य को 101/- रू0 प्रवेश शुल्क एवं 250/- रू० वार्षिक सदस्यता शुल्क देना हो

3 सदस्यता से विमुक्ति

निम्नलिखित दशाओं में सदस्यों की सदस्यता समाप्त की जाएगी ।

क- स्वयं त्याग पत्र देने पर ।

ख- ग- पागल या मृत्यु होने पर । न्यायालय द्वारा दंडित होने पर ।

घ- सदस्यता शुल्क लगातार तीन वर्ष तक नहीं देने पर ।

ड- लगातार तीन बैठकों में बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने पर ।

च- समिति द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित करने पर ।

4 कार्यकारिणी समिति का गठन

क- कार्यकारिणी समिति में पदाधिकारी सहित कुल 07 (सात) सदस्य होंगे ।

ख- कार्यकारिणी समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों का चुनाव आमसभा द्वारा किया जाएगा ।

ग- कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल पाँच वर्षो की होगी । निवृत सदस्य पुनः चुने जा सकते है ।

घ- अगर कार्यकारिणी समिति में कोई पद रिक्त होगा तो शेष अवधि के लिए उक्त पद पर किसी सदस्य की मनोनित कर सकती है किन्तु वार्षिक बैठक में उसे विधिवत चुनाव करा लेना होगा । चुने हुए पदाधिकारी एवं सदस्य अपने पद के अनुरूप कार्य करेंगे ।

5 पदाधिकारियों के कार्य एवं अधिकार

अध्यक्ष :-

क- संघ के प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता करना ।

ख- कार्यवाही पंजी पर अपना हस्ताक्षर करना ।

ग- किसी विषय पर समान मत होने की स्थिति में अपने निर्णायक मत का उपयोग करना ।

घ- उद्देश्य की पूर्ति हेतु अन्य वैधानिक कार्य करना ।

सचिव:-

क- संघ के प्रत्येक बैठक का आयोजन करना ।

ख- संघ की ओर से पत्राचार करना ।

ग- पंजियों एवं कागजातों को सुरक्षित रखना ।

घ- आय-व्यय का लेखा बैठक में प्रस्तुत करना

ड- संघ के निधि का अंकेक्षण कराना |

च- कार्यवाही को कार्यवाही पंजी में लिखना एवं अध्यक्ष से हस्ताक्षर कराकर अपना हस्ताक्षर करना ।

छ कार्यकारिणी समिति के राय से कर्मचारियों की नियुक्ति एवं बर्खास्तगी के आदेश पारित करना ।

ज़- आवश्यकतानुसार अपने पास 5000/- रू0 तक रखना और विशेष खर्च के लिए समिति की बैठक से पास कराकर कार्य करना ।

झ- उद्देश्य की पूर्ति हेतु अन्य वैधानिक कार्य करना ।

कोषाध्यक्ष :-

क- संघ के आय-व्यय का हिसाब रखना और सचिव के द्वारा आहूत बैठक में प्रस्तुत

ख- संघ के सदस्यता शुल्क, प्रवेश शुल्क, दान, चन्दा आदि प्राप्त कर रसीद देवा ।

ग- संघ के कोष को किसी बैंक या डाकघर में संघ के नाम से जमा करना ।

6 कार्यकारिणी समिति के अधिकार एवं कार्य

क- संघ के चल एवं अचल सम्पति के उत्तरदायी होगा ।

ख- संघ के सभी कार्यो का सम्पादन विधिवत करना तथा प्रस्ताव पारित करना ।

ग- शाखा एवं उपशाखा का गठन करना ।

घ- उद्देश्य की पूर्ति हेतु अन्य वैधानिक कार्य करना ।

7 आम सभा के अधिकार एवं कर्त्तव्य

क- समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों का निर्वाचन करना ।

ख- संघ के आय-व्यय लेखा पर विचार कर स्वीकृति देना |

ग- उद्देश्य की पूर्ति हेतु अन्य वैधानिक कार्य करना ।

घ- अंकेक्षक की नियुक्ति करना ।

8 बैठक

क- कार्यकारिणी समिति की बैठक प्रत्येक तीन माह पर होगी ।

ख- आमसभा की बैठक प्रत्येक वर्ष के अप्रैल माह में होगी ।

ग- कार्यकारिणी समिति एवं आमसभा की विशेष बैठक कभी भी बुलायी जा सकती है ।

9 बैठक की सूचना

क- – आम सभा के बैठक की सूचना 15 दिन पूर्व दी जाएगी ।

ख – आम सभा की विशेष बैठक की सूचना 10 दिन पूर्व दी जाएगी ।

ग – कार्यकारिणी समिति की बैठक की सूचना 7 दिन पूर्व दी जाएगी ।

घ- कार्यकारिणी समिति की विशेष बैठक की सूचना 4 दिन पूर्व दी जाएगी ।

ड- बैठक की सूचना, सूचना पंजी पर हस्ताक्षर प्राप्त कर या डाक द्वारा दी जाएगी ।

10 प्रार्थित बैठक

दो तिहाई सदस्यों की लिखित मांग पर सचिव को एक माह के अन्दर बैठक बुलाना होगा । यदि सचिव उक्त अवधि के अन्दर बैठक का आयोजन नहीं करते है तो आवेदक को अधिकार होगा कि आवेदन पत्र में लिखित विषय के लिए बैठक का आयोजन कर सकते है ।

11 कोरम (गणपूर्ति)

प्रत्येक बैठक का कोरम कुल सदस्यों का दो तिहाई बहुमत होगा । कोरम के अभाव में बैठक स्थगित हो जाएगी और पुनः स्थगित बैठक के लिए कोरम की आवश्कता नहीं होगी ।

12 आय का श्रोत

क- सदस्यता शुल्क एवं प्रवेश शुल्क ।

ख- सरकारी, गैर सरकारी, दान, अनुदान, सहायता ।

ग- अन्यान्य श्रोत से आय ।

13 निधि का अंकेक्षण

क- संघ की आय-व्यय का लेखा नियमित रूप से रखा जाएगा तथा आमसभा द्वारा नियुक्त अंकेक्षक से प्रतिवर्ष अंकेक्षण कराया जाएगा ।

ख- निबंधन महानिरीक्षक अपने विवेक से जब भी चाहे संघ का अंकेक्षण किसी मान्यता प्राप्त चार्टड एकाउन्टेन्ट से करा सकते है । जिसका शुल्क संघ द्वारा वहन किया जाएगा ।

14 कोष का संचालन

संघ के सभी कोष को किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में संघ के नाम पर जमा किया जायेगा, जिसकी निकासी अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष में से किन्ही दो पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से की जायेगी |

15 पंजी का निरीक्षण

संघ का सभी पंजियाँ निबंधित कार्यालय में जमा रहेगी जहाँ कोई भी सदस्य सचिव की अनुमति से सदस्य पंजी लेखा पंजी एवं कार्यवाही पंजी का निरीक्षण कर सकते है ।

16 नियमावली में संशोधन

नियमावली में संशोधन आमसभा के 3/5 सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पारित करने पर ही किया जाएगा ।

17 . कानूनी कार्रवाई

संघ पर या संघ के द्वारा कानूनी कार्रवाई सचिव के पदनाम से होगी तथा अधिवक्ता की नियुक्ति समिति के सलाह से की जायेगी ।

18 विघटन एवं विघटनोपरान्त सम्पति की व्यवस्था

क- संघ का विघटन संघ अधिनियम 1860 के धारा- 13 के आलोक में सरकार का अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही किया जायेगा ।

ख- आमसभा के 3/5 सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पारित करने पर ही संघ का विघटन किया जायेगा ।

ग- विघटन के उपरान्त जो चल एवं अचल सम्पति बचेगी वह किसी सदस्य या गैर सदस्यों में नहीं बांटी जायेगी बल्कि आम सभा की सहमति से समान उद्देश्य वाली संघ या सरकार को दे दी जायेगी ।

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